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6 टिप्स: बच्चों को अन्य भाषा कैसे सिखाएं

By Ruchi Gupta|6 - 7 mins read| February 22, 2023

किसी भी अन्य देश की तुलना में हमारे देश में पहले से ही बच्चे दो भाषाएं जैसे कि अपनी मातृभाषा और अंग्रेजी दोनों ही सीखते हैं। जहां घर में वे ज्यादातर अपनी मातृभाषा का प्रयोग करते हैं, वहीं स्कूलों में बच्चों के लिए अंग्रेजी भी एक अनिवार्य भाषा बनती जा रही है। अंग्रेजी सीखने की अनिवार्यता बच्चों के लिए इसलिए भी है, क्योंकि यह न सिर्फ विश्वभर में बोली और समझी जाने वाली भाषा है, बल्कि यह डिजिटल दुनिया की भी भाषा है।

बच्चों को अन्य भाषा से रू-ब-रू करने के भी सही समय वही है, जब वह पहली भाषा सीख रहा होता है। आमतौर पर शिशु अपने घर पर अपने माता-पिता और अन्य परिवार के सदस्यों को जब बोलते हुए सुनता है, तो वह उन्हीं शब्दों को दोहराते हुए उन्हें याद करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि 2 साल की उम्र से ही बच्चे अपनी शब्दावली में नए-नए शब्द जोड़ने लगते हैं। ऐसे में आप उन्हें एक नहीं, बल्कि दो भाषाओं के माध्यम से नए-नए शब्द सिखा सकते हैं।

अगर आपके घर पर ही दो अलग-अलग भाषाओं को बोलने वाले लोग हैं तो आपके बच्चे के लिए विभिन्न भाषाओं को न सिर्फ सीखना, बल्कि उनका बेहतर तरीके से प्रयोग करना और भी आसान हो जाएगा। इसीलिए अगर बच्चे को कम उम्र से ही जब भी कोई नया शब्द बताएं तो उसे दोनों भाषाओं में सिखाएं। हो सकता है कि माता-पिता दोनों ही कोई भी एक भाषा जानते हों, ऐसे में आपके लिए बच्चे को दूसरी भाषा सिखाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।

कैसे करें बच्चों को दूसरी भाषा सिखाने की शुरुआत

1. बच्चे को छोटी उम्र से ही सिखाना शुरू करें

कई बार कुछ लोग आपको यह भी कहते हुए मिलेंगे कि इतने छोटे बच्चे जो ठीक से बोल भी नहीं पाते आप उन्हें दो भाषाओं से उलझन में डाल देंगे। हो सकता है कि वाकई आपको भी एक समय पर आकर लगे कि मेरा बच्चा कुछ शब्द एक भाषा में बोल रहा है तो कुछ दूसरी में। लेकिन इसमें घबराने की कोई बात नहीं है। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता जाएगा, वे दोनों भाषाओं में अपनी पकड़ बना लेगा।

आप चाहें तो 6 महीने के छोटे बच्चे को ही दोनों भाषाओं से रू-ब-रू करा सकते हैं, अगर आप माता-पिता दोनों अलग-अलग भाषाओं को जानते हैं। हो सके तो आप कम से कम एक शब्द उसे रोज का सिखाएं, लेकिन उसे दोनों भाषाओं में उसे बोलकर बताएं। कम उम्र में बच्चे बहुत तेजी से सीख सकते हैं। ऐसे में आप उन्हें दो भाषाओं को ज्ञान भी दे सकते हैं।

2. बेसिक शब्दों से करें शुरुआत

बच्चे को जब भी आप अलग भाषा सिखाना चाहें तो उसके साथ बेसिक या मूलभूत शब्दों को बोलने का अभ्यास करें। बच्चे को आप पानी, भूख, खाना, खिलौना जैसी जरूरी चीजों को जर्मन, स्पेनिश या फिर रूसी भाषा में क्या कहते हैं, यहां से सिखाना शुरू कर सकते हैं। अगर आपको भी ये भाषाएं नहीं आती तो आप इंटरनेट के माध्यम से इन शब्दों के सही उच्चारण का अभ्यास करें। इसके अलावा आप छोटे बच्चों के साथ अलग-अलग भाषाओं में उपलब्ध नर्सरी की कविताओं और कहानियों का भी इंटरनेट पर आनंद सकते हैं।

3. बच्चे को परिचित माहौल दें

अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा भी अपनी मातृभाषा के साथ ही दूसरी भाषा को भी अच्छे से सीख ले तो उसके लिए जरूरी है कि आप बच्चे को उचित माहौल दें। हो सकता है कि बच्चा स्कूल में दूसरी भाषा सीख रहा हो। तो ऐसे में आप घर पर बच्चे के साथ स्कूल में सीखी गई चीजों को अभ्यास कर सकते हैं। इसके अलावा अगर आपके घर के आस-पास कोई परिचित मौजूद हो तो आप उन्हें भी बच्चे के साथ उनकी भाषा का प्रयोग करने का आग्रह कर सकते हैं। दूसरों को सहजता के साथ किसी भी भाषा का प्रयोग करते देख बच्चा भी इसके लिए प्रोत्साहित जरूर होगा।

अगर आपका बच्चा स्कूल में अंग्रेजी भाषा का अधिक प्रयोग करता है और आप चाहते हैं कि वह आपकी भाषा और संस्कृति को भी अच्छे से पहचाने तो आप घर पर बच्चे के साथ सिर्फ अपनी मातृभाषा का प्रयोग करें और उसे सभी तीज-त्योहारों में भी शामिल करें। पूजा आदि जगहों पर अपनी भाषा में संगीत सुनने से भी बच्चे को आपकी भाषा सीखने में मदद मिलेगी।

4. अन्य भाषाओं को सीखाने के लिए उपलब्ध सामग्री देखें

इंटरनेट के जमाने में आप जो चाहें वह तुरंत पा सकते हैं। अगर आप अपने बच्चे को कोई विदेशी भाषा सिखाना चाहते हैं तो आप उसके लिए टूटोरियल्स या फिर लैंग्वेज लर्निंग ऐप्स की मदद भी ले सकते हैं। यहां आपको उसी देश के लोग से उनके उच्चारण के साथ भाषा को सिखने का मौका मिलता है। आप चाहें तो बच्चे को इस प्रकार की किसी ऐप का इस्तेमाल करने का मौका भी दे सकते हैं। इसके अलावा अन्य भाषाओं में वहां कि फिल्में या फिर गाने देखना भी बेहद रोचक गतिविधि है, जिसमें बच्चे खुद को बेहद सहज महसूस करते हैं।

5. खेल-खेल में सिखाएं बच्चों को

बेहद छोटे बच्चों के साथ आप बहुत सहजता से किसी भी भाषा का प्रयोग नहीं कर सकते, खास तौर पर जब वह आपकी खुद की भाषा न हो। इसीलिए जरूरी है कि आप खेल-खेल में बच्चों के साथ भाषा का प्रयोग करें। इसके लिए आप बच्चे को फ्लैश कार्ड या ऑडियो सुनाकर उसने सवाल-जवाब कर सकते हैं कि वहां किसी वस्तु या विषय के बारे में बताया जा रहा है।

6. बच्चे को लैंग्वेज क्लासेज दिलवाएं

अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा कोई भी खास भाषा को सीखे तो उसके लिए आप बच्चे को अपने आस-पास मौजूद लैंग्वेज क्लासेज में जरूर प्रवेश दिलाएं। यहां बच्चों की उम्र और उनकी काबिलियत को ध्यान में रखते हुए वहां उन्हें सही स्तर पर भाषा का प्रयोग करना सिखाया जाता है। साथ ही बच्चे की भाषा पर कितनी पकड़ बन पाई है, उसके लिए वहां योग्य व्यक्ति उनकी परीक्षा भी लेते हैं और साथ में बच्चों को इसके लिए सर्टिफिकेट भी दिया जाता है। इन सभी प्रयासों से बच्चों को किसी भी भाषा को सीखने के लिए और भी प्रोत्साहन मिलता है।

नई-नई भाषाओं को सीखने से आपका बच्चा न सिर्फ इन भाषाओं बल्कि भाषाओं के माध्यम से उस देश और वहां के लोगों की संस्कृति से भी रू-ब-रू हो पाता है। यहां तक कि कई अध्ययनों से भी पता चला है कि द्विभाषी लोग अधिक रचनात्मक और विचारक होते हैं। इसीलिए अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा भी अन्य भाषा को अच्छे से सीख पाए तो उसके लिए आप उसके बड़े होने का इंतजार न करें, बल्कि कम उम्र से ही उसे नई-नई भाषाओं से मुखातिब करें। साथ ही ध्यान रहे कि किसी भी भाषा को बेहद आसानी से नहीं सीखा जा सकता। इसीलिए आप खुद में और बच्चे में भी संयम को बनाए रखने का प्रयास करते रहें।

 
 

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Ruchi Gupta

Last Updated: Wed Feb 22 2023

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