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बच्चों को पैसे के बारे में सिखायें : उम्र के हिसाब से गतिविधियां – वित्तीय शिक्षा – Teaching Kids About Money in Hindi

By Neha Somani|4 - 5 mins read| March 25, 2023|Read in English

मेरे आस-पास काफी लोग ये मानते हैं कि छोटी सी उम्र में बच्चो को पैसे जैसी “बड़ी” चीज समझाना बेकार है। वे खुद ही समय के साथ ये सीख जायेंगे। लेकिन हमारे पास इस बात का जवाब है। पैसे के बारे में समझना और उसे सही जगह इस्तेमाल करना एक जरूरी जीवन कौशल है। इस उम्र में सीखी गयी चीजें आने वाले वर्षों sतक के लिये मददगार होती हैं। वहीं जीवन का स्तर भी हर साल बढ़ रहा है, और जब हमारे बच्चे बड़े होंगे, तब वे हमसे भी ज्यादा चुनौतियों भरा जीवन जी रहे होंगे। बुरे वक्त के लिये बचत या अपनी जरूरतों के लिये पैसे बचाना उनके जीवन को आसान बनायेगा।

आज जब हम तुरंत संतुष्टि के समय में जी रहे हैं, सच तो यह है कि बड़ों के लिए भी आज अपनी इच्छाओं को टाल पाना मुश्किल होता जा रहा है। पर यदि हम बच्चों को उनका व्यवहार थोडा सा बदलना सिखा दें, तो यह उन्हें भविष्य में पैसों के लिए परेशान होने से बचाएगा और एक बेहतर व्यक्ति बनने में मददगार साबित होगा। बच्चों के व्यक्तित्व के विकास के लिए जरूरी है कि उन्हें उनकी इच्छाओं को टालना भी सिखाया जाए। वो बच्चे जिन्हें तुरंत मनचाही चीज मिल जाती है, उन्हें बाद में असफलता और त्याग आदि से लड़ने में परेशानी होती है।

बच्चों को पैसे के बारे में सिखायें : उम्र के हिसाब से गतिविधियां

हमारे पास उम्र के हिसाब से कुछ ऐसी गतिविधियां हैं, जिनसे आपका बच्चा सीखेगा भी और साथ ही साथ इन्हें जीवन भर याद भी रखेगा।

3 से 5 साल तक

हैरान न हों। आप ये देख कर चौंक जायेंगी कि कैसे ये बच्चे चीजों को सीखते और समझते हैं।

सीख : जो चाहिये, उसके लिये सब्र करो।

इस उम्र के बच्चों को ये “करके दिखाना” चाहिये कि उन्हें सब्र कैसे करना है और जो चाहिये उसके लिये बचत कैसे करनी है। उन्हें समझाने और इसे एक सख्त नियम साबित करने के बजाये मां-बाप उनके साथी बन सकते हैं।

गतिविधि :

  1. सेविंग जार (गुल्लक) बनाएं। आप उसको तीन हिस्सों यानि ‘बचत’, ‘खर्च’ और ‘बांटना’ के नाम से बांट सकती हैं। जब भी आपके बच्चे को पैसे मिलें, आप उन्हें उन जारों में बांटने में मदद करें। बच्चे से पूछें कि वो कैसे इस पैसे को बांटना चाहता है। ‘बांटना’ वाले जार में पैसे डालने के लिये भी उसे प्रोत्साहित करें। उसे यह बतायें कि ये पैसे किसी जरूरतमंद के काम भी आ सकते हैं।
  2. वास्तविक और आसान लक्ष्य रखें। यदि चीजें जो बच्चे चाहते हैं, वो काफी महंगी हैं, तो उनको उसके लिये महीनों इंतजार करना होगा। संभव है कि वो अपना सब्र खो दें क्योंकि वे बहुत छोटे हैं। छोटे-छोटे लक्ष्य उनका बचत में विश्वास बनाये रखने में मदद करेंगे।

6 से 10 साल तक

सीख: चुनें कि कहां खर्च करना है।

बच्चे को यह समझाना जरूरी है कि पैसा सीमित संसाधन है और यह उसकी पसंद तय करेगी कि उसके पास जीवन में कितना पैसा होगा।

गतिविधि :

  1. छोटे मुद्दों में बच्चों को शामिल करने के साथ ही आप उनसे पैसे से संबंधित फैसलों में भी मदद ले सकते हैं। जैसे कि, जब आप बच्चे को खरीददारी के लिये लेकर जायें तो उसे ये बतायें कि आप ने एक ब्रांड़ की चीज को छोड़कर दूसरा इसलिये चुना क्योंकि वह ज्यादा सस्ता था। आप उसे ये भी सिखा सकती हैं कि कैसे खराब न होने वाले सामान को ज्यादा मात्रा में खरीद कर पैसे बचाये जा सकते हैं।
  2. बच्चे को कुछ पैसे दें, (जैसे 100 रुपये) और उसके पसंद के फल खरीदने को कहें। इससे आप उसके पसंद की चीज दिलाने के साथ चुनने की शक्ति का एहसास भी करवा पायेंगी।

11 से 13 साल तक

सीख : जितनी जल्दी शुरु करोगे, उतना ज्यादा पैसा बढ़ेगा।

छोटे लक्ष्यों से बडे लक्ष्यों की तरफ जाने की यह सही उम्र है। अब उनको चक्रवृद्धि ब्याज के बारे में बतायें।

गतिविधि :

  1. बच्चे को चक्रवृद्धि ब्याज के बारे में असल आंकड़ों के साथ समझायें। इस से वे ये समझ पायेंगे कि कैसे पैसे व अर्थव्यवस्था एकसाथ बढ़ते हैं।
  2. बच्चे को समझौते के बारे में समझायें। यदि उन्हें बाहर का खाने या बेकार के खेलों में पैसा बर्बाद करने की आदत है, तो उन्हें समझायें कि उनका मनचाहा फोन या आईपॉड लेने के लिये उन्हें ये ऐशो-आराम कुछ समय के लिये छोड़ने होंगे। हालांकि आप उनको आर्थिक रूप से मदद तो करेंगी, पर यदि वे भी इसमें सहयोग करेंगे, तो वे चीजों की कद्र ज्यादा करेंगे।
 
 

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Neha Somani

Last Updated: Sat Mar 25 2023

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