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sir, kya mein apney bachche ke sath batchit karte huye bahut polite reh sakta hun?

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बच्चे जैसेजैसे बड़े होते जाते हैं वैसा ही माता-पिता (parents) की जिमेदारी बढ़ती जाती है। बच्चे को बड़े करने के साथ साथ उनके खान-पान और उनके व्यवहार को लेकर माता-पिता और चिंतित होते जाते हैं। क्यूकी हर माता-पिता अपने बच्चे को एक आदर्श और ईमानदार व्यक्ति बनाना चाहते हैं।

पर जो छोटे बच्चे होते हैं उनके ऊपर इतना दबाव नहीं होता है जिसकी वजह से बच्चे हैं वो बिगड़ भी सकते है। ऐसे में उनके हर एक बारतव से माता-पिता को परशानी रहती है की Ziddi bacho ko kaise kabu me kare? या जिद्दी बच्चों को कैसे सुधारें? 

बच्चे के साथ दुर्व्यवहार न करे - बहज से बचे

आपके बच्चे को अच्छा लगता है की आप उनकी बातो को ध्यान से सुने और आप उनकी बातो से सहमत हो। खास करके आप कभी भी बहार हो तो दुसरो के सामने बच्चे के साथ अच्छे से पेश आए और उनके साथ दुर्व्यव्हार ना करे। क्यूकी आपको शायद नहीं पता होगा बच्चो को भी भावनाएं होती है वो सब कुछ समझते है की आपने दुसरो के सामने उसे डांटा और ये बात उनके दिमाग पे बहुत ही बुरी असर डालती है

बच्चे जब कुछ भी ऐसा करते है जो आपकी मर्जी के खिलाफ है या फिर आपको पसंद नहीं आता है तो उस वक्त गुस्सा करने की बजाय आप शांत रहिये और सोचे की बच्चे ने ऐसा क्यों किया। हो सकता है वो उनकी नजर में सही हो। अगर गलत है तो आप उस बात की जड तक जाए की आखिर बच्चे ने ऐसा क्यों किया। क्यूकी बच्चे आखिर वो ही करते है जो वो देखते है। तो आप उस बात का ध्यान रख सकते हैं कि बच्चे दुबारा ऐसा ना करे। क्युकी बच्चे पर गुसा करने से आपको लगता है की बच्चा सुधार जाएगा तो आपकी सोच गलत है क्योंकि, बच्चे गुस्से से नहीं प्यार से समजते है।

बच्चे के साथ कोई भी जबर्दस्ती न करे जो करने का मन बच्चो का ना हो। क्यूकी जबर्दस्ती करने से बच्चे एक बार वो कर लेगा जो आप चाहते हैं पर बार बार ये करने से बच्चे को गुस्सा आएगा और फिर वो आप जो कहेंगे उसे विपरीत ही करेंगे। इस लिए उसके साथ जबर्दस्ती करने की बजाय उसके साथ मिलजुल कर कम करिये तो बच्चा भी उनका मन नहीं होगा तो भी वो खुशी खुशी कर लेगा। आप ट्राई कर लेना एक बार।

आजकल का यही नियम है कि अगर आपका बच्चा बड़ा हो रहा है तो हम उसके साथ गुस्से से पेश नहीं आ सकते। बच्चों के साथ हर बात पर उलझना ठीक नहीं है। आपको उसके साथ नर्मी से ही पेश आना होगा। लेकिन इसके लिए आपको अनुशासन को बनाए भी रखना है। आपको एक तरीके से उसके साथ दोस्ती करनी होगी। अगर आप उसे गुस्सा करेंगे तो वह भी वहीं सीखेगा। आपको गुस्सा करने से कुछ हासिल नहीं होना चाहिए। बजाए उसके आप अपने बच्चे के साथ पोलाइट हो कर जरूरी रह सकते हैं, जिससे उसे आपकी बात और आपको उसकी बात समझ में आए।

बस आज के लिए इतना ही