पैरेंटल कंट्रोल के साथ गैजेट्स को बनाएं बच्चों के लिए सुरक्षित- How Parental Control Works in Hindi

By Ruchi Gupta|6 - 7 mins read| September 02, 2020

डिजिटल होते देश के साथ आपको भी टेक्नोलॉजी के साथ आगे बढ़ना होगा। फिर बात चाहे स्मार्टफोन की हो या टैब्लेट्स और लैपटॉप की। डिजिटल इंडिया का सपना तो तभी पूरा हो सकता है, जब हर फोन या कंप्यूटर इंटरनेट से लैस हो। लेकिन इंटरनेट की अपनी सीमाएं हैं। कब और क्या जानकारी यहां उपलब्ध हो जाए, वह कोई नहीं जानता। ऐसे में बेहद जरूरी हो जाता है माता-पिता के लिए कि वे इन गैजेट्स को अपने बच्चों के लिए सुरक्षित बनाएं और बनाएं डिजिटल इंडिया के साथ-साथ स्मार्ट इंडिया।

स्मार्टफोन, टैब्लेट या डेस्कटॉप पर पैरेंटल कंट्रोल (Parental control)

इन्हें सुरक्षित बनाने की दिशा में सबसे पहला तरीका है पैरेंटल कंट्रोल। माता-पिता अपने स्मार्टफोन, टैब्लेट और कंप्यूटर पर भी पैरेंटल कंट्रोल जैसे फीचर्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये फीचर्स आपको ऑपरेटिंग सिस्टम जैसे विंडोज (Windows) या मैकओएस (MacOS) में मिल जाएंगे। इसी के साथ आप एंड्रॉयड (Android) या आईओएस (iOS) से लैस स्मार्ट फोन या टैब्लेट में भी सिक्योटीज के ऑप्शन में इन्हें खोज सकते हैं।

1. कैसे करें लैपटॉप और डेस्कटॉप पर कंट्रोल

माइक्रोसॉफ्ट की विंडो 10 से लैस डेस्कटॉप या लैपटॉप में आपको विंडो सिक्योरिटी (Window Security) के ऑप्शन में फैमिली ऑप्शन्स (Family Options) नजर आएगा। इसमें सबसे ऊपर है पैरेंटल कंट्रोल्स। इसमें चार विकल्प मौजूद हैं, जिसमें बच्चों के ऑनलाइन इस्तेमाल को सुरक्षित बनाना, उनके स्क्रीन टाइम को नियमित और उनकी डिजिटल लाइफ पर भी निगरानी बनाने की सुविधा देता है।

आखिरी विकल्प में आप अपने बच्चे की ऑनलाइन शॉपिंग करने को भी सुरक्षित और संयमित कर सकते हैं। इसके अलावा आपको यहां एक सेफसर्च (Safesearch) ऑप्शन भी मिलता है, जिसकी सेटिंग्स में आप एडल्ट कंटेट सर्च को स्ट्रिक्ट, मॉडरेट या ऑफ सेटिंग्स के साथ ब्लॉक भी कर सकते हैं।

इसके अलावा एप्पल के लैपटॉप या डेस्कटॉप में मैकओस ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल होता है। अपने मैक सिस्टम पर पैरेंटल कंट्रोल फीचर एनेबल करने के लिए आप सिस्टम प्रेफ्रेंसेस (System prefrences) में जाएं वहां आप यूजर्स एंड ग्रुप्स में जाएं और एक नया अकाउंट एड करें। अगर आप मैकओएस मोजावे (Mojave) या उससे पुराना ओएस इस्तेमाल कर रहे हैं तो आप सिस्टम प्रेफेंसेस में जाएं और उसके बाद पैरेंटल कंट्रोल्स (Parental Controls) में जाएं और बताई गई जानकारी के अनुसार एक चाइल्ड अकाउंट बनाएं।

मैक सिस्टम को इस्तेमाल करने वालों के पास सबसे बेहतर फीचर है फैमिली शेयरिंग फीचर। इसे आप अपने अन्य एप्पल डिवाइस से भी नजर रख सकते हैं। चाइल्ड अकाउंट बनाने के बाद अब आपको पैरेंटल कंट्रोल्स को टर्न ऑन करना होगा। नए मैकओएस कैटलीन में आपको यह ऑप्शन स्क्रीन टाइम के रूप में नजर आएगी।

इसके लिए आप सिस्टम प्रेफेंसेस में जाएं और वहां स्क्रीन टाइम को सिलेक्ट करें। इसमें आपको नीचे डाउनटाइम, ऐप लिमिट्स और कंटेंट एंड प्राइवेसी के विकल्प भी मिलेंगे, जिसे आप अपने हिसाब से सेट कर सकते हैं। इन ऑप्शंस को ध्यान से आप अपने अनुसार सेट करें ताकि पेरेंटल लॉक के बावजूद आपके बच्चे इनमें बदलाव न कर सकें। इसीलिए जरूरी है कि आप यूज स्क्रीन टाइम पासकोड का इस्तेमाल करें।

2. स्मार्टफोन और टैब्लेट पर पैरेंटल कंट्रोल कैसे करें

स्मार्टफोन और टैब्लेट पर पैरेंटल कंट्रोल्स आपके बच्चों को वेबसाइट्स पर एडल्ट कंटेट सर्च करने की एक्सेस से रोक सकते हैं। कई मोबाइल कंपनियां ही नेटवर्क लेवल पर कंटेंट को 18+ देखकर उसे फिल्टर कर देती हैं। ऐसे में आप भी अपने मोबाइल प्रोवाइडर के इस फीचर को ऑन या ऑफ कर सकते हैं। लेकिन एक बात का ध्यान रखें कि यह फीचर सिर्फ मोबाइल नेटवर्क के लिए काम करता है, वाई-फाई के लिए नहीं। आपके मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम में सेफ्टी फीचर्स होते हैं जो ऐप स्टोर या गूगल प्ले पर भी कुछ पाबंदियां लगा सकते हैं।

एंड्रॉयड फोन जैसे कि सोनी, सैमसंग, हुएवे, एचटीसी और मोटोरोला में द रिस्ट्रिक्टेड यूजर (the restricted user) फीचर है जो आपके बच्चों के ऐप्स, गेम्स और दूसरे कंटेंट के इस्तेमाल को मैनेज करता है। इसके लिए आप लोकेशन और कैमरा जैसे फीचर्स को भी डिसेबल कर सकते हैं।

वहीं आईओएस से लैस आईफोन और आईपैड में आप फेसटाइम और इन-ऐप पर्चेसेज और सफारी जैसे फीचर्स को ऑन या ऑफ कर सकते हैं, जिससे बच्चों तक इनकी एक्सेस लिमिटेड हो जाएगी।

विंडोज से लैस फोन जैसे कि नोकिया ल्युमिया में आप माई फैमिली ऑप्शन जैसे फीचर की मदद से ऐप्स और गेम्स को अपने या बच्चों के फोन में डाउनलोड करने की सुविधा को मैनेज कर सकते हैं। आप अपने विंडोज फोन में किड्स कॉर्नर भी सेटअप कर सकते हैं, जिसका मतलब है कि छोटे बच्चे अगर कुछ ब्राउस या सर्च करते हैं तो वे निर्धारित आयु सीमा के ही कंटेट तक एक्सेस कर सकते हैं और आपकी बाकी चीजें प्राइवेट ही रहेंगी।

वेब ब्राउसर के लिए पैरेंटल कंट्रोल्स

अभी तक हमने डेस्कटॉप, स्मार्टफोन जैसे गैजेट्स में उपलब्ध पैरेंटल कंट्रोल्स की बात की थी। अब यहां हम बताने जा रहे हैं कि आप अपने वेब ब्राउजर्स के पैरेंटल कंट्रोल्स फीचर्स का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं। इसकी मदद से आप  इंटरनेट एक्सेस के लिए सेटिंग्स को बदल सकते हैं। अगर आप एक ही गैजेट को दो या उससे अधिक यूजर्स इस्तेमाल कर रहे हैं तो जरूरी है कि आप सभी यूजर्स के अलग-अलग सेटिंग्स रखें।

1 गूगल क्रोम (Google Chrome)

हर यूजर्स के लिए क्रोम आपको कुछ वेबसाइट्स को ब्लॉक करने, बच्चों ने कब और कौन सी साइट विजिट की है यह देखने और सेफ सर्च जैसे फीचर्स को ऑन करने की सुविधा देता है। इसमें आप ब्राउजर के सेटिंग्स ऑप्शन (Settings Option) में जाएं। वहां आप प्राइवेसी एंड सिक्योरिटी (Privacy & security) में जाएं, उसके बाद साइट सेटिंग्स में और वहां आपको जिस-जिस फीचर को ऑन या ऑफ करना है, उसे ध्यान से देखें।

2. इंटरनेट एक्सप्लोरर (Internet Explorer)

इसमें भी आप गूगल क्रोम की तरह सेटिंग्स पर जाएं। वहां आपको प्राइवेसी एंड सिक्योरिटी की ऑप्शन मिलेगी, जिसे आप अपने हिसाब से कस्टमाइज्ड कर सकते हैं। इसके अलावा आप एंडवांस्ड ऑप्शन में कोरटाना (Cortana) ऑप्शन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

3. फायरफॉक्स (Firefox)

फायरफॉक्स के पैरेंटल कंट्रोल्स फीचर के साथ आप बच्चों के लिए अनुप्युक्त और उनके आपत्तिजनक कंटेंट को फिल्टर कर सकते हैं। फायरफॉक्स में पैरेंटल कंट्रोल्स को एनेबल करने के लिए आपको मोजिल्ला (Mozilla) आधिकारिक साइट पर जाना होगा। जहां आप एड-ऑन्स बटन पर क्लिक करें और फायरफॉक्स एड-ऑन्स की ऑप्शन को सिलेक्ट करें। इसके बाद सिक्योरिटी एड-ऑन्स को सर्च करने के लिए मोजिल्ला के सर्च बॉक्स में पैरेंटल कंट्रोल टाइप करें। इसके बाद आपको पैरेंटल कंट्रोल एड ऑन्स जैसे कि फॉक्सफिल्टर (Foxfilter), प्रो कॉन लाते (ProCon), श्योरिकेट (Suricate) और किड मोड (Kid Mode) मिल जाएंगे।

इन सभी के बारे में अच्छी तरह से रीव्यू करते हुए आप एड टू फायरफॉक्स बटन पर क्लिक करें। इसके बाद इसमें इंस्टॉल नाऑ बटन को क्लिक करें। इससे इंस्टॉलेशन की प्रोसेस स्टार्ट हो जाएगी। इसे बाद आपको इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए फायरफॉक्स को रिस्टार्ट भी करना होगा।

अपने नए पैरेंटल कंट्रोल के लिए आप इंटरनेट फिल्टर एंड सिक्योरिटी फीचर्स को भी एडिट करें। इसके लिए आप टूल्स टैब पर क्लिक करें और एड-ऑन्स ऑप्शन को सिलेक्ट करें। इसके बाद आपके सामने एक स्क्रीन खुलेगी जिसमें ऑप्शन बटन पर क्लिक करें और इसके बाद आपके नए पैरेंटल कंट्रोल्स एनेबल हो जाएंगे।


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Ruchi Gupta

Last Updated: Wed Sep 02 2020

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