5 टिप्स कैसे रोंके बच्चों में छालों की समस्या – कारण व उपाय

By Dr. Krystel Quadros|4 - 5 mins read| March 25, 2023|Read in English

आजकल बच्चे बहुत अधिक मात्रा में जंक या बाहर का मसालेदार भोजन खाते हैं, जो कम उम्र के बच्चों में अल्सर या छालों का एक अहम कारण है। जंक फूड या बाहर के भोजन के अलावा भी कई ऐसी चीजें या हमारी आदते हैं, जो बच्चों के साथ-साथ बड़ों में भी अल्सर के कारणों को बढ़ावा देती हैं। कई मामलों में अल्सर या अंदरूनी घाव या छाले तनाव या किसी खास दवाई के लगातार इस्तेमाल की वजह से भी हो जाते हैं। चलिए बच्चों में अल्सर के मुख्य कारणों और उनकी रोकथाम के लिए जरूरी उपायों को जानते हैं।

पेप्टिक अल्सर या पाचन संबंधी छाले, अल्सर के विभिन्न प्रकारों में सबसे अधिक देखे जाने वाला एक प्रकार है। शरीर के अंदरूनी भागों के आधार पर पेप्टिक अल्सर तीन प्रकार के होते हैं: गैस्ट्रिक या पेट का अल्सर, छोटी आंत का अल्सर और ग्रासनली का अल्सर। बच्चों और बड़ों में सेहत संबंधी समस्याओं में अल्सर बहुत ही आम है।

इस लेख में हम आपको बच्चों में होने वाले अल्सर के मुख्या कारणों के बारे में बताएंगे। साथ ही माता-पिता के लिए यहां कुछ टिप्स भी बताए जा रहे हैं, जिनसे उन्हें बच्चे के मुंह में होने वाले छालों या अल्सर की रोकथाम में मदद भी मिलेगी।

बच्चों में अल्सर या छालों के प्रमुख कारण

  • एंटी इंफ्लामेटरी या सूजन और दर्द को कम करने वाली दवाइयों जैसे कि एस्पीरिन और इब्यूप्रोफेन दवाइयों का लगातार प्रयोग।
  • एच पायलोरी या हेलीकोबैक्टर पायलोरी बैक्टीरिया का पेट में होना।
  • शारीरिक और भावनात्मक दोनों तनावों का होना।
  • बहुत अधिक मसालेदार भोजन करना।
  • छोटी आयु में ही कैफीन का चाय या कॉफी के रूप में इस्तेमाल करना।

बच्चों में मुंह के छालों को कम करने की टिप्स

यहां आपको बच्चों के मुंह के छालों की रोकथाम के लिए कुछ उपाय बताएं जा रहे हैंः

1. अपने बच्चे को ऐसा भोजन दें, जिसमें मसाले न हों

मसालेदार भोजन करना आपके बच्चे के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है। इसीलिए जरूरी है कि आप उसे सेहतमंद और संतुलित भोजन दें, जिसमें उनके शरीर के लिए जरूरी सभी पोषक तत्व हों। साथ ही ध्यान रखें कि यह बहुत मसालेदार न हो, जिसकी वजह से ग्रासनली, पेट और छोटी आंत में से किसी भी हिस्से में अल्सर की आशंका हो सकती है। इसके साथ ही बहुत मसालेदार भोजन की वजह से आंत और अमाशय की पतली झिल्ली पर भी असर पड़ता है, जिसके कारण जलन और सूजन हो सकते हैं।

2. नॉन-स्टेरायडल एंटी इंफ्लामेटरी दवाइयों का लंबे समय तक इस्तेमाल

बच्चों के लिए नॉन-स्टेरायडल एंटी इंफ्लामेटरी दवाइयों का लंबे समय तक इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इससे अल्सर या छाले हो सकते हैं। इसीलिए अपने बच्चों को दवाई देते समय ध्यान रहे कि इस तरह की दवाई उन्हें लंबे समय तक न दी जाए या उनकी दवाइयों की बताई गई मात्रा से अधिक मात्रा में इस्तेमाल न किया जाए।

3. छोटी-छोटी बातों पर न लें तनाव

हमेशा अपने बच्चे को तनाव मुक्त रहने के लिए प्रेरित करें और उन्हें समझाएं कि हर छोटी-बड़ी जैसे कि परीक्षाओं में कम अंक आना आदि बातों पर तनाव लेने की जरूरत नहीं है। कई अध्ययनों के अनुसार पाया गया है कि मानव शरीर में अल्सर के विभिन्न मामलों में तनाव का अधिक योगदान रहता है।

4. हेल्दी लाइफस्टाल का महत्व समझाएं

रोज व्यायाम करना, संतुलित भोजन, सही मात्रा में पानी पीना, सेहतमंद जीवनशैली या हेल्दी लाइफस्टाइल का हिस्सा हैं। अपने बच्चों को इनका महत्व समझाएं और साथ में उन्हें यह भी बताएं कि सोडा, कोल्ड ड्रिंक्स और बाहर का भोजन उनकी सेहत के लिए कितने हानिकारक हैं। बच्चों को दी गई आपकी यह जानकारी, विभिन्न प्रकार के अल्सर की रोकथाम में उनके लिए मददगार साबित हो सकती है।

5. उत्तेजक पदार्थों से दूर रखें

कई बार छोटे बच्चे चाय, कॉफी और कोल्ड ड्रिंक्स जैसे पेय पदार्थों के कुप्रभावों को झेल पाने में सक्षम नहीं होते। लंबे समय तक उनके प्रयोग से बच्च में खास प्रकार के अल्सर होने की आशंका बनी रहती है। इसलिए जरूरी है कि उत्तेजक के रूप में काम करने वाले इन पदार्थों से बच्चों को दूर रखा जाए। इन पदार्थों के सेवन से आपके पाचन तंत्र में एच पायलोरी या हेलीकोबैक्टर पायलोरी नामक बैक्टीरिया प्रवेश कर जाते हैं, जिनकी वजह से अल्सर की समस्या देखी जाती है।

मुंह में छाले हो जाने पर आप बच्चे को हल्के से गर्म और नमक वाले पानी से कुल्ला करने को कहें। साथ में ही जब तक छाले ठीक नहीं हो जाते बच्चे को खट्टा या मसालेदार भोजन न करने दें।

उम्मीद है कि यहां बताए गए उपाय आपको पसंद आए होंगे और आपके बच्चों में अल्सर की रोकथाम में आपकी मदद करेंगे।

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Dr. Krystel Quadros

Last Updated: Sat Mar 25 2023

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