बढ़ते बच्चों के लिए सेहतमंद लाइफस्टाइल चाहिए तो अपनाएं ये 10 सेहतमंद लाइफस्टाइल टिप्स

By Ruchi Gupta|7 - 8 mins read| December 08, 2020

मौजूदा समय में बच्चों की सेहत का खास ख्याल रखना बेहद जरूरी है, वह भी जब आपका बच्चा बढ़ रहा हो। इस समय आपके बच्चे को सभी पौष्टिक तत्वों के साथ-साथ बेहतर दिनचर्या भी चाहिए, ताकि उसकी सेहत बेहतर बनी रहे।

बच्चे के कुछ शुरुआती साल उसके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास के लिहाज से बेहद जरूरी होते हैं। वैसे भी माना जाता है कि इन्हीं वर्षों में बच्चों को जैसी जीवनशैली से रू-ब-रू करा दिया जाए, वे उसे ही पूरी जिंदगी तक चलाने की कोशिश करते हैं। कॉस्मोपॉलिटन और एमएनसी कल्चर की वजह से हमारे परिवारों में सभी की दिनचर्या में काफी बदलाव आ गया है, जिसकी वजह से आसानी से बड़े तो बड़े बच्चे भी लाइफस्टाइल से जुड़ी समस्याओं से परेशान हैं।

अगर आप भी अपने बच्चे की सेहत को लेकर चिंतित रहते हैं और चाहते हैं कि वे अपने विकास के इस दौर में सेहतमंद लाइफस्टाइल को अपनाए तो आप यहां दी गई टिप्स को अपनाकर अपने बच्चों की मानसिक और शारीरिक सेहत को भी बनाए रख सकते हैं।

इन 10 टिप्स को अपनाएं बच्चों के सेहतमंद लाइफस्टाइल के लिए

1. बच्चे का नाश्ता समय पर और सही होना चाहिए

माना जाता है कि सुबह का सबसे पहला भोजन यानी नाश्ता बेहद अहम होता है। क्योंकि वह रात के लगभग 8 से 10 घंटे के आपके उपवास को तोड़ता है। ऐसे में सुबह के समय बच्चों के दिमाग को भी शरीर के जितनी ऊर्जा चाहिए होती है। इसीलिए बच्चों को नाश्ता सही समय पर और सही मात्रा में कराना भी बेहद जरूरी है।

आप कोशिश करें कि बच्चा नाश्ते के समय किसी भी प्रकार का जंक फूड न खाए, क्योंकि इससे बच्चे को खाली कैलोरीज मिल जाएंगे, कार्बोहाइड्रेट्स और चीनी के रूप में लेकिन उन्हें पौष्टिक तत्व नहीं मिल पाएंगे, जिसकी वजह से उनकी सुबह ही आलस भरी हो सकती है। इसीलिए सुबह के नाश्ते में आप बच्चे को फल, अंकुरित दालें, दूध, सूखे मेवे, भरवां परांठे, ओट्स, दलिया, किनोवा आदि खिला सकते हैं। सिर्फ पौष्टिक आहार ही नहीं, बच्चे के लिए सही समय पर भोजन करना भी बेहद जरूरी है। इसीलिए आप कोशिश करें कि स्कूल जाने से पहले बच्चा जरूर कुछ खा कर जाए।

2. बच्चों को घर का भोजन परोसें

स्वाद और सेहत में अक्सर जंग होती है और बच्चों की मानें तो अक्सर स्वाद जीत जाता है। कभी-कभार बाहर से भोजन करने में कोई परहेज नहीं है, लेकिन आजकल बच्चों को जब कुछ पसंद नहीं आता तो वे तुरंत बाहर से भोजन का ऑर्डर देने में भी हिचकिचाते नहीं हैं। परंतु समस्या यह है कि बाहर के भोजन में तेल, मसालों के अलावा पौष्टिक तत्व तो बिल्कुल भी नहीं होते। बच्चे स्वाद से बाहर का भोजन कर तो लेते हैं, लेकिन इनसे सेहत नहीं बन सकती।

इसीलिए आप कोशिश करें कि बच्चे की पसंद का भोजन आप उसे अलग-अलग स्वादिष्ट व्यंजनों के रूप में परोसें। जिसमें साफ-सफाई से बना हुआ पौष्टिक भोजन बच्चे के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद रहेगा।

3. बच्चों के भोजन की मात्रा पर दें ध्यान

अक्सर बच्चों को जो भोजन पसंद आता है, वह उसकी भरपूर मात्रा का सेवन करते हैं। वहीं जो भोजन उन्हें पसंद नहीं आता, उसे वे न खाने के कई बहाने ढूंढ़ते हैं। इसीलिए बेहद जरूरी है कि बच्चा कितना और क्या खा रहा है, इस बारे में भी पूरा ध्यान दिया जाए। बाहर का भोजन बच्चों को सिर्फ वसा और चीनी की आपूर्ति करता है और साथ में बाहर के भोजन को बच्चे अधिक मात्रा में भी खाते हैं, जिसकी वजह से आजकल बच्चों को भी शुगर और कोलेस्ट्रॉल की समस्या होने लगी है।

4. शारीरिक गतिविधियों को बनाए रखें

आजकल के बच्चों को आप देखेंगे तो समझ ही जाएंगे कि उनके लिए हिलना-डुलना कितना मुश्किल हो गया है। लैपटॉप, कंप्यूटर, मोबाइल फोन और टेलीविजन के सामने वे जमकर बैठ जाते हैं। ऐसे में बाहर जाकर खेलना तो जैसे कि वे भूल ही गए हैं। पर बढ़ते बच्चों के लिए बाहर खेलना और शारीरिक गतिविधियों में भाग लेना बेहद अनिवार्य है। इसीलिए आप नियमित समय पर बच्चे को व्यायाम और खेल-कूद के लिए प्रोत्साहित करते रहें।

5. फलों के जूस से बेहतर है फल

दूध की जगह फ्लेवर्ड मिल्क और फलों की जगह फलों के पैक्ड जूस ले रहे हैं। लेकिन फलों को खाने से जितने पौष्टिक तत्व हमारे शरीर को मिलते हैं, उतने उनके जूस से नहीं मिल पाते। इनमें सबसे आगे है, डायटरी फाइबर। इसीलिए बेहद जरूरी है कि आप अपने बच्चों को रोज दो मौसमी फल जरूर खिलाएं।

6. बच्चों के भोजन में सभी रंगों को करें शामिल

अक्सर देखा जाता है कि कुछ बच्चों को आलू पसंद होता है तो वे हर सब्जी में आलू ही खाना पसंद करते हैं, वहीं कुछ बच्चों को पनीर पसंद होता है तो उन्हें हर व्यंजन पनीर का ही पसंद होता है। परंतु बच्चों के भोजन फल और सब्जियों के सभी रंगों, जैसे कि लाल, संतरी, पीला, हरा, पर्पल, सफेद आदि को शामिल करें। इसे न सिर्फ भोजन देखने में स्वादिष्ट लगता है, बल्कि अलग-अलग रंग के फल और सब्जियां हमारी पोषक तत्वों की अलग-अलग जरूरतों को भी पूरा करते हैं।

7. कार्बनेटेड पेय पदार्थों का कम से कम उपयोग करें

अगर बच्चे को प्यास लगी है तो उसे पानी दें। इसके अलावा सर्दियों में आप बच्चे को सूप और किसी भी मौसम में मौसमी फलों और सब्जियों का जूस भी दे सकते हैं। लेकिन कार्बनेटेड पेय पदार्थ, जिन्हें हम कोल्ड ड्रिंक्स भी कहते हैं, बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदे होती हैं। इनसे बच्चों को खाली शुगर मिलती है। जिससे बच्चों को सिर्फ कैलोरीज मिलती है।

8. गैजेट्स के प्रयोग को करें सीमित

सेहतमंद जीवनशैली या लाइफस्टाइल के लिए बेहद जरूरी है कि बच्चे शारीरिक श्रम करें, परिवार के अन्य सदस्यों के साथ हंसी-मजाक करें। लेकिन गैजेट्स में बच्चे ऐसे व्यस्त होते हैं कि उन्हें आस-पास की दुनिया से भी कोई मतलब नहीं होता। इनके लगातार इस्तेमाल से उनकी आंखें अधिक थक जाती हैं, परंतु दिमाग सोने के लिए तैयार नहीं होता। इसीलिए बेहद जरूरी है कि आप अपने बच्चों के गैजेट्स के प्रयोग को एक तय समय के लिए नियमित करें।

9. बच्चों को सेहतमंद नींद लेनी चाहिए

कई बार बच्चे नींद पूरी न हो पाने की वजह से भी चिड़चिड़े रहते हैं। अगर यह सिलसिला लंबे समय तक चले तो इसकी वजह से वे तनाव से भी ग्रस्त हो जाते हैं। आजकल बच्चों की खूबसूरत नींद में खलल डालने की एक और बड़ी वजह है गैजेट्स। जिनके बारे में कहा जाता है कि गैजेट्स के अधिक प्रयोग से बच्चों की नींद भी खराब होती है।

इसके लिए आपको सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके बच्चे कम से कम 8 से 12 घंटे की नींद लें। क्योंकि जहां 5-6 साल के बच्चे को 10-12 घंटे की नींद की जरूरत होती है, वहीं 14-15 साल के बच्चों के लिए 8 से 10 घंटे की नींद भी काफी रहती है।

10. सकारात्मक माहौल में रहें

काम की परेशानी, बच्चों के स्कूल और अन्य गतिविधियों का तनाव, घर में किसी अप्रिय घटना का हो जाना। ये सब चीजें मिलकर घर का माहौल बिगाड़ देती हैं, जिसका असर बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास पर भी देखने को मिलता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि परिवार साकरात्मक माहौल बनाए रखने की कोशिश करे। इसके लिए आप रोजाना कम से कम एक भोजन सभी मिल कर करें। सप्ताह में कोई एक गतिविधि के लिए समय निकालें और अपने बच्चों के लिए हमेशा उनके पास मौजूद रहें।

बच्चों को बेहतर जीवन देना माता-पिता का कर्तव्य है, खासकर तब तक जब तक बच्चे खुद से कुछ करने लायक नहीं हो जाते। इसीलिए बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए माता-पिता को उनकी सेहतमंद जीवनशैली को बनाए रखना चाहिए। जिसमें उनके भोजन से लेकर उनके व्यायाम तक सभी को सुचारू रूप से संचालित करने का काम माता-पिता का ही होता है।


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Ruchi Gupta

Last Updated: Tue Dec 08 2020

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