10 लक्षण जिनकी अनदेखी सही नहीं: आपके बच्चे को कब चाहिए डॉक्टरी सलाह – Symptoms In Kids That You Should Never Ignore in Hindi

By Ruchi Gupta|5 - 6 mins read| April 10, 2024

माता-पिता बनने के साथ ही हम सभी आधी डॉक्टरी जान लेते हैं। फिर चाहें बात बच्चे को सुरक्षित खाना खिलाने की हो या उसके किसी खास अंग को साफ करने की। कई मामलों में तो बच्चे के थोड़े से रोने पर ही हम उसे डॉक्टर के पास भगाते हुए ले आते हैं। वहीं कभी-कभी पहले खुद से लक्षण को पूरी तरह से जांच कर फिर डॉक्टर के पास जाने का निर्णय लेते हैं। लेकिन जरूरी नहीं होता कि हर मामले में इंतजार किया जाए। आइए हम कुछ ऐसे ही संकेतों या लक्षणों के बारे में जानते हैं, जब हमें डॉक्टरी परामर्श की जरूरत पड़ती है।

माता-पिता का हर छोटी से छोटी चीज पर बच्चे को लेकर डॉक्टर के पास भागना भी सही नहीं है और न ही घर पर किसी बीमारी के बिगड़ जाने तक का इंतजार करना। जरूरी है कि हम लक्षणों को देखते हुए कोई भी फैसला लें। आइए आज हम इसी तरह के कुछ संकेतों या लक्षणों के बारे में जाते हैंः

10 लक्षण जब  आपके बच्चे को डॉक्टर की ज़रुरत (Kabh Le Doctor Ki Salah)

1. सिर दर्द के साथ बुखार

अगर आपके बच्चे को गर्दन या सिर में दर्द के साथ बुखार है या बुखार के साथ-साथ लाल चकते या छोटे-छोटे लाल दाने हो रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। कई बार दिमागी बुखार के ऐसे लक्षण होते हैं।

2. तेज बुखार

3 महीने से छोटे बच्चों को अगर 100.4F से अधिक बुखार हो तो यह चिंता का विषय है और यदि 3 से 6 महीने का बच्चा हो तो 101F और 6 महीने से 2 साल तक का बच्चा हो तो 103F से अधिक बुखार चिंता का विषय माना जाएगा। अक्सर छोटे बच्चों में किसी बैक्टीरिया की वजह से संक्रमण होता है और फिर बुखार। यह संक्रमण तेजी से पूरे शरीर में फैल जाता है। ऐसे में बेहद जरूरी है कि बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाया जाए।

3. अचानक से पेट में दर्द होना

अगर आपके बच्चे के पेट के निचले दाहिने हिस्से में तीव्र पेट दर्द हो रहा हो तो यह चिंता का विषय हो सकता है। अक्सर अपेंडिक्स का दर्द बहुत तेज और आता-जाता होता है, जो नाभी से लेकर पूरे पेट में फैलता है। ऐसे में बच्चों को पेट दर्द से लेकर, बुखर आना और उल्टी होने की शिकायत होती है। इसके अलावा कभी-कभी सिर्फ अतिसार के साथ-साथ दर्द, उल्टी और बुखार भी होता है। अगर शुरुआत में ही इसके लक्षणों की पहचान हो जाए तो इलाज काफी आसान हो जाता है। इसके अलावा 4 साल तक के बच्चें में अन्य वजहों से भी पेट में दर्द और बार-बार मल त्यागने की जरूरत पड़ सकती है। इसके लिए बच्चों के डॉक्टर से जरूर मिलें।

4. बुखार का न उतरना

अगर दवाई के बावजूद बच्चे का बुखार लगातार 5 दिन से अधिक बना हुआ है तो यह भी खतरनाक हो सकता है। अक्सर सामान्य बुखार, जो कि सर्दी-जुकाम के कारण होता है वह पांच दिन में दवाई देने के साथ उतर जाता है। अगर आप बच्चे को बुखार उतारने की दवाई भी दे रहे हैं और बावजूद उसके बुखार नहीं जा रहा तो यह संकेत है कि बच्चे को हुआ संक्रमण बहुत अधिक है, जिससे लड़ने में उसका शरीर समर्थ नहीं है। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि डॉक्टर अच्छे से बच्चे की जांच करे।

5. अजीब तिल

नया या बदलता तिल अगर आपको बच्चे के शरीर के किसी हिस्से पर दिखाई दे तो इसका जिक्र आप बच्चों के डॉक्टर से जरूर करें। आप बच्चे को नहलाते समय उसकी त्वचा पर जरूर ध्यान दें और अगर किसी तिल या अन्य निशान के आकार या रंग में बदलाव को देखें तो डॉक्टर को जरूर बताएं।

6. बाथरूम का कम इस्तेमाल

मुंह सूखना, बाथरूम कम जाना, नवजात बच्चों में तालू का सीधा हो जाना, त्वचा का रूखापन या बहुत अधिक उल्टी एवं अतिसार। ये सभी लक्षण हैं बच्चों में पानी की कमी के, जिन पर जल्दी से जल्दी ध्यान देना चाहिए। इसके लिए आप बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाएं और पर्याप्त मात्रा में उसे तरल पदार्थ दें।

7. गोल आकार के चकते

गोल आकार के चकते, जो देखने में आंख के जैसे हों या जिनमें छोटे-छोटे लाल दानें हों, जो त्वचा को हल्का दबाने पर भी दिखाई देना बंद न हों, तो आप तुरंत डॉक्टर से मिलें। कई बार खून में किसी विकार या किसी एलर्जी के चलते ऐसा होता है। इसके अलावा अगर आपके बच्चे को सांस लेने में भी दिक्कत पेश आ रही हो तो डॉक्टरी सलाह बेहद जरूरी हो जाती है।

8. चेहरे पर सूजन

जीभ, होंठ या आंखों में खुजली के साथ अगर सूजन है तो आपके बच्चे के लिए यह खतरे की घंटी हो सकता है। आमतौर पर यह लक्ष्ण किसी प्रकार की एलर्जी की तरफ इशारा करते हैं। सूजन, सांस लेने में तकलीफ और गंभीर पित्त या दानों को देखते ही आप तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।

9. सिर दर्द और उल्टी होना

कई बार बच्चों को सुबह-सुबह या फिर रात में सोते हुए सिर दर्द के साथ उल्टी की शिकायत होती है, इसकी एक वजह माइग्रेन भी हो सकता है। बच्चों में माइग्रेन खतरनाक नहीं है, लेकिन अगर सिर्फ दिन की शुरुआत या सोते समय ऐसा हो तो डॉक्टर से जरूरत बात करें।

10. होंठ नीला होना

होंठ के आस-पास का हिस्से नीला या फिर रंगहीन हो, सांस लेने में तकलीफ हो, बेहोश होना या सांस लेने पर फेफड़ों और छाती से आवाज आने लगे तो यह निश्चित तौर पर चिंता के विषय हैं। अक्सर देखा गया है कि जब बच्चे की ग्रासनली में कुछ फंस जाता है तो ऐसा होता है। इसके अलावा किसी चीज से एलर्जी या अस्थमा के दौरे आने पर भी छोटे बच्चों की हालत बेहद नाजुक हो जाती है। ऐसे में समय गंवाए बगैर डॉक्टर के पास जाना चाहिए। नवजात शिशु आधे मिनट में लगभग 60 बार, 1 साल से छोटे बच्चे 40 बार और 1 साल से 3 साल तक के बच्चे लगभग 30 बार सांस लेते हैं। अगर आपके बच्चे की सांसे इससे काफी तेज चल रही हों तो यह संकेत है कि उसे डॉक्टरी जांच की जरूरत है।

एक बात हमेशा ध्यान दें अगर आप डॉक्टरी परामर्श से अपने बच्चे को कोई दवा दे रहे हैं तब तो सही है, अन्यथा सेल्फ मेडिकेशन या किसी और की सलाह से बच्चे को दवाई न दें। उसे डॉक्टर के पास ले जाएं और सही इलाज कराएं।


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Ruchi Gupta

Last Updated: Wed Apr 10 2024

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