छोटे बच्चों में गला घुटने के जोखिम को कैसे करें कम

By Ruchi Gupta|6 - 7 mins read| November 04, 2020

छोटे बच्चे खासकर 1 साल से छोटे बच्चे हर चीज को छूने के साथ ही उसे मुंह में डाल लेते हैं। साथ ही इस उम्र के बच्चों के दांत भी ठीक से नहीं होते, जिससे कि वे खाने से पहले हर चीज को अच्छे से चबा लें। ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी बच्चों के प्रति और भी बढ़ जाती है ताकि किसी भी चीज के कारण उनका गला न घुट जाए।

हर साल कितने ही छोटे बच्चे एमरजेंसी की हालत में डॉक्टर या अस्पतालों तक पहुंचते हैं। कारण एक ही उनकी श्वसन नली में किसी चीज का फंस जाना और उन्हें सांस लेने में तकलीफ होना। छोटे बच्चे नासमझ होते हैं, उन्हें नहीं पता कि उन्हें कब और कैसे अपना ध्यान रखना चाहिए और कौन सी चीज उनके लिए उपयुक्त है और कौन-सी नहीं। इसीलिए माता-पिता को छोटे बच्चों का कम से कम नहीं तो 4 साल की आयु तक तो पूरा ध्यान रखना चाहिए।

बच्चों का गला घुटने के जोखिम को कैसे करें कम

1. बच्चों के भोजन करने के दौरान उनके साथ रहें

बिल्कुल जब आपके बच्चे बेहद छोटे होते हैं तो आप उन्हें अपने सामने, अपने हाथ से भोजन कराते हैं। लेकिन जैसे-जैसे बच्चे बढ़े होने लगते हैं, माता-पिता बच्चों के भोजन को लेकर काफी सहज हो जाते हैं। सभी चाहते हैं कि उनका बच्चा खुद से भोजन करे। लेकिन इसका यह कतई मतलब नहीं कि जब आपका बच्चा भोजन कर रहा हो, आप उसके पास मौजूद न हों।

2. छोटे बच्चों को भोजन बैठा कर कराएं

दूध पीने तक बच्चे आमतौर पर लेटते हैं, लेकिन जब बच्चे ठोस भोजन करना शुरू कर देते हैं तो उन्हें सीधे बैठना चाहिए। सीधे बैठने से बच्चों का भोजन आराम से निगला जाता है, जबकि लेट कर भोजन करने से भोजन के श्वसन नली में जाने का जोखिम बना रहता है।

3. बच्चों को खाते वक्त बात करने से मना करें

कभी-कभी बातें करते समय जब आप खाने लगते हैं तो खाना श्वसन नली में फंस जाता है, जिसकी वजह से गला घुटने लगता है। बड़े तो अपनी इस स्थिति में खुद को संभाल सकते हैं। लेकिन बच्चों के लिए यह स्थिति काफी गंभीर हो सकती है। इसीलिए आप बच्चों को खाना खाते समय बातें करने से मना करें।

4. भोजन मुंह में रख कर बच्चों को खेलने से मना करें

अक्सर बच्चे खेलते समय खाते हैं और माता-पिता को बच्चों को इस प्रकार से खिलाना सही भी लगता है। लेकिन इसमें एक बहुत बड़ी समस्या यह है कि उछलते-कूदते कभी-कभी खाना श्वसन नली में भी फंस सकता है, जिससे बच्चों को सांस लेने में मुश्किल होती है। इसीलिए बेहद जरूरी है कि आप अपने बच्चे को भागते-कूदते या फिर खेलते समय खाना खाने से बिल्कुल मना कर दें।

5. चार साल से छोटी आयु के बच्चों को ये चीजें खाने को न दें

चार साल से छोटे बच्चों के लिए कुछ चीजें ठीक से खा पाना काफी मुश्किल होता है। ऐसे में अक्सर देखा गया है कि अंगूर, किशमिश, मीट, हॉट डॉग, काजू या बादाम या फिर सख्त टॉफी या फिर सख्त कच्ची सब्जियों के फलों के टुकड़े बच्चों के गले में फंस जाते हैं और उनका दम घुटने लगता है। ऐसे में इन चीजों को आप 4 साल से छोटी आयु के बच्चों को बिल्कुल भी खाने को न दें।

6. छोटे बच्चों को कच्ची सब्जियों को भाप में या फिर उबाल कर दें

कई ऐसी सब्जियां होती हैं, जैसे कि गाजर, खीरा, टमाटर आदि जिन्हें हम जाने-अनजाने सलाद की प्लेट में से उठाकर अपने बच्चे को खाने के लिए दे देते हैं। ऐसे में अपने दो-तीन दांतों की मदद से कई बार 7-8 माह के बच्चे भी इन्हें काट लेते हैं और फिर इनका टुकड़ा या छिल्का बच्चे की श्वसन नली में फंस जाता है। इसी प्रकार से बच्चे फलों जैसे कि सेब, आड़ू आदि के साथ भी करते हैं। इसीलिए बेहद जरूरी है कि आप बच्चे को इन चीजों को भाप में या फिर उबाल कर ही खाने को दें।

7. बीज वाले फल न दें

संतरा, चीकू, तरबूज, खजूर जैसे फलों में छोटे-बड़े हर तरह के बीज होते हैं, जिन्हें खाते समय खुद से अलग कर पाना आपके छोटे बच्चों के लिए आसान नहीं है। इसीलिए आप बच्चों को या तो ये फल ही खाने को न दें और अगर आप देना ही चाहते हैं तो पहले खुद इनके बीजों को अलग कर दें।

8. घर पर मौजूद प्लास्टिक या रबड़ की चीजों को दूर रखें

छोटे बच्चों की पहुंच आपकी सोच से कहीं अधिक होती है। जिस चीज के लिए आपको लगता है कि इससे बच्चे को क्या जोखिम हो सकता है, बच्चा उसी चीज से आपको परेशान कर सकता है। ऐसे ही कुछ उदाहरण हैं, प्लास्टि के ढक्कन की सील, पेन के ढक्कन बालों पर लगाने वाले रबड़, गुब्बारे आदि। ये सब चीजें हमारे लिए ज्यादा मायने नहीं रखती और शायद ही कोई यह सोचेगा कि ये बच्चे के गले में फंस सकती हैं, लेकिन कई बार बच्चे इन्हें भी अनजाने में अपने मुंह में डाल लेते हैं और फिर उनका दम घुटने लगता है।

9. गोलाकार ठोस और छोटी चीजें न रखें बच्चों की पहुंच में

बटन, कंचे, थर्माकोल की गोलियां, दवाइयां, ये सभी चीजें बच्चों को अपनी तरफ काफी आकर्षित करती हैं। लेकिन बच्चों के लिए ये बिल्कुल भी सही नहीं हैं। इनके रंग बच्चों को इन्हें छू कर देखने को कहते हैं और फिर बच्चे कब इन्हें अपने मुंह में डाल लेते हैं, इसका किसी को कुछ पता नहीं। ऐसे में आप अपने बच्चों की पहुंच से इन सभी चीजों को काफी दूर रखें।

10. प्लास्टिक बैग्स या फिर स्टफ टॉय

बच्चों का दम घुटने का एक कारण उन्हें सही से सांस न आ पाना भी है। कई बार बच्चे खेल-खेल में ही अपने चेहरे पर प्लास्टिक बैग पहन लेते हैं और फिर उनका दम घुटने लगता है। कुछ ऐसा ही है सोते समय बच्चों के आस-पास बहुत सारे स्टफ टॉय या तकियों का होना। यह भी एक बड़ी वजह है कि सोते-सोते ही बच्चों का दम घुटने लगता है।

तो अगली बार आप अपने छोटे बच्चों को सिर्फ भोजन कराते समय नहीं, बल्कि बाकी समय भी इस बारे में ध्यान रखें कि कहीं बच्चा किसी गलत चीज को मुंह में न डाल ले। अगर गलती से बच्चा किसी चीज को मुंह में डाल भी ले तो उसे तुरंत जोर-जोर से खांसी करने को कहें और उसकी पीठ पर कंधों के बीच जोर-जोर से 5 बार थपकी भी दें। अगर समस्या गंभीर लगे तो आप बच्चे को तुरंत डॉक्टर के पास ले कर जाएं।

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Ruchi Gupta

Last Updated: Wed Nov 04 2020

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