बच्चों के लिए मददगार फर्स्ट एड टिप्स- First Aid Tips for Kids in Hindi

By Editorial Team|5 - 6 mins read| August 25, 2020

बच्चों को खेलते-कूदते, बाहर आते-जाते या फिर घर पर ही कई बार चोट लग जाती है। क्या आप हर जगह बच्चे के साथ हो सकते हैं? हम हमेशा अपने बच्चों के साथ रहें, यह जरूरी नहीं है और बच्चे शरारतें न करें, इस बात की भी कोई गारंटी नहीं है। तो ऐसे में बहुत जरूरी हो जाता है कि आप अपने बच्चों को चोट लगने पर फर्स्ट एड या पहली मेडिकल हेल्प के बारे में जरूर जानकारी दें।

मेरी दोस्त का बेटा तीसरी कक्षा में है और मेरी दोस्त मुझे बता रही थी कि उसके स्कूल में अभी हाल पहले फर्स्ट एड एंड सेफ्टी जैसे विषय पर एक खास क्लास हुई थी। इस क्लास में बच्चों को फर्स्ट एड किट और उसमें रखे जाने वाले सामान के बारे में बताया गया। मेरी दोस्त की बात सुनकर मुझे भी लगा कि फर्स्ट एड के बारे में बच्चों से बातचीत करनी बहुत जरूरी है। इससे न सिर्फ बच्चे खुद अपनी मदद कर सकते हैं, बल्कि जरूरत पड़ने पर दूसरों की भी सही समय पर फर्स्ट एड मुहैया करा सकते हैं।

कैसे की जा सकती है फर्स्ट एड से मदद :

1. खून को कैसे रोकें?

हो सकता है कि बच्चे के खुद की या फिर किसी दूसरे बच्चे के किसी वजह से खून आ रहा हो। अब ऐसी स्थिति में फर्स्ट एड के रूप में सबसे पहला काम यह होना चाहिए कि तेजी से बह रहे खून को कैसे रोका जाए।

  1. सबसे पहले घाव को पानी से साफ करें।
  2. अगर घाव साफ करने के बाद भी खून रूकना बंद न हो तो कोई एक साफ कपड़ा लें और उसे कई तय में फोल्ड करने के बाद हाथ के दबाव से खून के बहने वाली जगह पर रखें। अक्सर घाव पर सीधा दबाव डलने के बाद वहां से खून आना बंद हो जाता है।
  3. घाव वाले अंग को ऊंचा उठाएं ताकि खून का बहाव कम हो सके।

2. जलने की स्थिति में क्या करें?

घर हो या बाहर अक्सर किसी गर्म चीज के गिरने या फिर किसी गर्म बर्तन की वजह से शरीर का कोई अंग जल जाता है। ऐसे में बेहद जरूरी है कि जले हुए भाग को तुरंत राहत पहुंचाई जाए।

  1. अगर हाथ या पैर जल गया हो तो तुरंत हाथ या पैर को ठंडे पानी के नीचे रखें और इसे तब तक रखें जब तक जलन कम न हो जाए।
  2. अगर किसी गर्म चीज जैसे कि पानी, चाय, दूध या सूप आदि के गिरने की वजह से शरीर के किसी अन्य भाग में जलन हो रही हो तो आप तुरंत ठंडे पानी का प्रयोग करें और फिर जलन कम होने पर उस भाग से कपड़ों को उतार दें।
  3. जलने वाली जगह को पानी से अच्छे से धो कर वहां जलने में राहत पहुंचाने वाली क्रीम या जेल लगाएं। अगर आपको कुछ भी न मिले तो ऐलो वेरा जेल लगा सकते हैं।
  4. अगर जलन काफी समय तक बनी रहे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

3. मधुमक्खी के डंक मारने पर क्या करें?

बच्चे बाहर खेलने जाते हैं, तो ऐसे में हो सकता है कि कभी मधुमक्खी डंक भी मार दे।

  1. मधुमक्खी के डंक मारने के बाद कई बार मधुमक्खी तो वहां से उड़ जाती है, लेकिन उसका डंक त्वचा में रह जाता है। ऐसे में तुरंत इस डंक को अपनी त्वचा से निकालें।
  2. जलन की स्थिति में बर्फ की सिकाई कर सकते हैं।

4. सूजन या खरोंचों की स्थिति में क्या करें?

कई बार सड़क पर गिर जाने की वजह से या किसी चीज से टकरा जाने की वजह से खरोंचों के साथ-साथ सूजन भी हो जाती है।

  1. सबसे पहले दुर्घटना के स्थान से हट जाना चाहिए और किसी सुरक्षित स्थान पर बैठना चाहिए।
  2. खरोंचों को पानी से साफ करें।
  3. चोट की जगह पर बैंडेज बांधें।
  4. अगर सूजन महसूस हो रही हो तो बर्फ की सिकाई करनी चाहिए।
  5. अधिक चोट के मामले में डॉक्टर से जरूर मिलें।

5. हड्डी टूटने की स्थिति में क्या करें?

कई बार खेलते समय या अचानक से गिर जाने पर हड्डी भी टूट सकती है। अगर व्यक्ति को हद से भी ज्यादा दर्द हो रहा हो तब आशंका है कि कोई हड्डी टूटी हो।

  1. ऐसी स्थिति में सबसे पहले व्यक्ति को अचल स्थिति या बिना हिलाए-डुलाए बैठाएं। अगर जरूरी हो तो सुरक्षित स्थान पर ले जाना चाहिए।
  2. इस स्थिति में किसी भी व्यक्ति की सबसे बड़ी मदद यही हो सकती है कि उसे तुरंत डॉक्टर तक पहुंचाया जाए।

6. अस्थमा की स्थिति में क्या करें?

कई बच्चे या फिर बड़े अस्थमा के शिकार होते हैं। ऐसे में अचानक से जब व्यक्ति सांस नहीं ले पाता तो उसे बुरी तरह से खांसी होने लगती है और पसीना आने लगता है।

  1. व्यक्ति को साफ और हवादार स्थान पर आराम से बिठाएं।
  2. उसके आस-पास भीड़ को कम करवाएं और उसके कपड़ों जैसे कि दुपट्टे, टाई को निकाल दें या शर्ट के बटनों को खोल दें।
  3. व्यक्ति की इनहेलर के सेवन में मदद करें। अगर कुछ मिनटों में व्यक्ति ठीक न हो पा रहा हो तो उन्हें हर मिनट में दो पफ लेने में मदद करें। 10 से अधिक पफ नहीं दिए जाते, इसीलिए उनकी स्थिति के ठीक न होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।

7. सीपीआर कैसे दें?

अगर कोई व्यक्ति अपना होश खो बैठा हो और वह सांस भी न ले रहा हो तो उसे सीपीआर (Cardiopulmonary resuscitation) दिया जाता है। इससे व्यक्ति को सांस लेने में मदद मिलती है। लेकिन यह फर्स्ट एड ऐसी है, जिसमें हम हमेशा दूसरों की मदद कर सकते हैं। हो सकता है कल बच्चा घर पर अकेला हो और परिवार का कोई सदस्य बेहोश हो जाए।

  1. सबसे पहले व्यक्ति की सांसों पर गौर करें।
  2. व्यक्ति को नीचे आराम से लेटा दें।
  3. अपने दोनों हाथों को पास- पास व्यक्ति के सीने के बीच में रखें और लगभग 1 मिनट में 100 की गति से हाथों से सीने पर दबाव डालें। इसे चेस्ट कम्प्रेशन कहते हैं। लगभग 30 बार हाथों का दबाव सीने पर डालें और हर दबाव से पहले सीने को वापस उसकी स्थिति में आने दें।
  4. अगर कोई बच्चा हो तो सीने से 2 इंच नीचे और छोटा बच्चा हो तो सीने से डेढ़ इंच नीचे बच्चे को सीपीआर दें।

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Last Updated: Tue Aug 25 2020

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